ओ३म् 

त्वं रुष्टः/ रुष्टा असि वा ? = तुम रूठे / रूठी हो क्या ?

भवान् रुष्टः अस्ति वा ? = आप रूठे हुए हैं क्या ? 

भवती रुष्टा अस्ति वा ? = आप रूठी हुई हैं क्या ?

नैव , अहं रुष्टः / रुष्टा नास्मि। = नहीं मैं रूठा / रूठी नहीं हूँ। 

तर्हि त्वं किमर्थं न वदसि ? = तो फिर तुम क्यों नहीं बोल रहे हो / रही हो ?

तर्हि भवान् किमर्थं न वदति ? = तो फिर आप क्यों नहीं बोलते हैं ?

तर्हि भवती किमर्थं न वदति ? = तो फिर आप क्यों नहीं बोलती हैं ?

अस्तु , वदामि = ठीक है , बोलता हूँ ।

भवान् / भवती संस्कृतभाषायां वदतु ।= आप संस्कृत भाषा में बोलिये ।

त्वं संस्कृतभाषायां वद ।= तुम संस्कृत भाषा में बोलो ।

अहं रुष्ट: न भविष्यामि ।= मैं नहीं रूठूँगा / नहीं रूठूँगी ।

साभार अखिलेश आचार्य